भारत बना मेडिकल टूरिज्म का हब
नया सन राइज सेक्टर सबसे सस्ता पर है विश्वस्तरीय
क्या है ये वेलनेस टूरिज्म ?
विदेशियों द्वारा इलाज कराने की पसंदीदा जगह
विदेशियों द्वारा इलाज़ कराने की पसंदीदा जगह बनता जा रहा है। विश्वस्तरीय मेडिकल सुविधाओं के मामले में भारत चंद चुनिंदा देशों में शामिल है। अब विदेशी मात्र घूमने के लिए भारत नहीं आ रहे हैं, इलाज के लिए भी आ रहे हैं।
विश्व के मेडिकल पर्यटन में भारत का हिस्सा
विश्व के मेडिकल पर्यटन में भारत का हिस्सा लगभग 20% है और जो लगातार बढ़ता जा रहा है। 60 से भी अधिक देशों को हम मेडिकल वीसा जारी कर रहे हैं। इसमें सार्क, अफ्रीकन, मिडिल ईस्ट देशों के साथ विकसित देशों नार्थ अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के देश भी शामिल हैं।
क्या कारण हैं?
भारत में विकसित देशों की तुलना में इलाज बहुत ही सस्ता है (अधिकांश बार दस गुने से भी कम); हमारे यहां उच्च प्रशिक्षित व योग्य डॉक्टर और पेशेवर कर्मचारी हैं; आधुनिक तकनीक व उपकरणों की उपलब्धता है; हमारा स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढाँचा मजबूत है और नित्य नए नए कॉर्पोरेट हॉस्पिटल्स खुलते जा रहे हैं; परिवहन, होटल और खानपान पर खर्च कम है;
भाषा की समस्या भी नहीं है; हमारी सर्विस इंडस्ट्री भी विकसित है; USA व यूरोप में इलाज के लिए वेटिंग पीरियड 6 से 12 महीने का होता है। जबकि हमारे यहां जीरो वेटिंग पीरियड है; अभी भी विकसित देशों में करोड़ों लोगों के पास health insurance cover नहीं है, वो भी सस्ते इलाज हेतु भारत आते हैं। के लिए USA में 1 करोड़ से अधिक लगता है जबकि भारत के महंगे से महंगे कॉरपोरेट हॉस्पिटल में 20 लाख से अधिक नहीं लगता। दोनों जगह के स्तर में अंतर नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में इलाज में एक विकसित देश की तुलना में लगभग 75 % धन बचता है।
क्या हो रहे हैं लाभ ?
मेडिकल टूरिज्म से हमें विदेशी मुद्रा मिल रही है। साथ ही यह अनेक प्रकार के प्रशिक्षित व अकुशल लोगों रोजगार उपलब्ध करा रहा है। यह हमारे हेल्थ सेक्टर को भी मजबूत कर रहा है।हालांकि इसका अधिक प्रचार-प्रसार नहीं किया गया है।
हाल ही में भारत सरकार ने 5 मेजर इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स मुम्बई, दिल्ली, हैदराबाद, बंगलोर, चेन्नई में Medical Tourism Facilitation centre खोले हैं।
मेडिकल टूरिज्म को वेलनेस टूरिज्म साथ जोड़े
देखा ये जा रहा है कि रोगी इलाज कराकर शीघ्र अपने देश वापिस लौट जाते हैं। उनके यहां ठहरने की अवधि बढ़ाने की आवश्यकता है। मेडिकल टूरिज्म को वेलनेस टूरिज्म साथ जोड़ा जाना चाहिए। इलाज के बाद रिकवर करने के लिए वेलनेस सेंटर्स खोलने की आवश्यकता है। उसमें हम उनको सेवा-सुश्रुषा करने वाले अंग्रेजी भाषी लोग आसानी से उपलब्ध करा सकते हैं।
भारतीय चिकित्सा पद्धतियों एवं पर्यटन को बढ़ावा
हम उन्हें योग, आयुर्वेद, सिद्ध, समग्र चिकित्सा, केरल मसाज, भारतीय स्वास्थ्य परम्पराओं व खान-पान के बारे में बता सकते है। विश्व में इनकी बहुत मांग है। ठीक होने के बाद उन्हें भारतीय पर्यटन हेतु भी प्रेरित किया जा सकता है।
सरकार इन पर ध्यान दे
आज हम विश्वस्तरीय पर बहुत ही सस्ती मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले गिने चुने देशों में एक हैं। पर हमारी सरकार का ध्यान इस पर कम है। मेडिकल टूरिज्म का अलग से विभाग बनाया जाना चाहिए। बजट में इन्हें देने वालों को विशेष सुविधाएं दी जानी चाहिए। कॉर्पोरेट हॉस्पिटल्स को एक साथ मेडिकल, वेलनेस व टूरिज्म सुविधाएं उपलब्ध कराने पर भारी छूट दी जानी चाहिये। इन्हें रोगी को एयरपोर्ट पर रिसीव करने से लेकर एयरपोर्ट पर सी ऑफ तक की सर्विस देनी चाहिए। इसका विदेशों में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।
नया सन राइज सेंटर
यह भारत का sunrise sector हो सकता है यह विदेशी मुद्रा अर्जित करने और रोजगार उपलब्ध कराने महत्वपूर्ण साधन हो सकता है। ये एक ऐसा सेक्टर है जिसमें हम बड़ी आसानी से विश्व मित्र बन सकते हैं।
विदेशी मुद्रा व रोजगार उपलब्ध कराने के साथ वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश भी विश्व को देना संभव
साथ ही इसके जरिये लाखों व्यक्तियों का जीवन बचा कर वैश्विक सहानुभूति अर्जित करके भारतीय संस्कृति के आदर्श वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश सारे विश्व को दे सकते हैं।