रसायनों का कहर फलों व सब्जियों पर

सदियों से फलों एवं सब्जियों को स्वास्थ्य के लिए अत्यंत पौष्टिक व लाभदायक माना जाता रहा है। इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स आदि हमें स्वस्थ, मजबूत एवं ऊर्जावान बनाए रखते हैं।

लाभदायक

फलों व सब्जियों को बड़ा व सुंदर बनाने, जल्दी पकाने, ताजा दिखाने, चमकदार दिखने, रंगने, सड़ने से बचाने के लिए स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए घातक रसायनों का प्रयोग हो रहा है। 

प्रयोग क्यों ?

इन खतरनाक रसायनों का जमकर प्रयोग किया जा रहा है जिससे इनके पौष्टिक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं। साथ ही सेवन करने वाले के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है।

प्रतिकूल असर

आप बाजार के खूब सुंदर लग व ताजे दिख रहे फलों एवं सब्जियों से बिल्कुल प्रभावित न हों क्योंकि अधिकतर इन्हें घातक रसायनों का प्रयोग कर नकली तरीके से तैयार किया जाता है। 

घातक रसायन

सामान्यतया प्रयोग में होने वाला विनाशकारी रसायन है। यह सब्जियों को कृत्रिम तरीके से आकार बढ़ाने के काम आता है जिससे अधिक मुनाफा मिलता है।

ऑक्सीटोसिन

कैल्शियम कार्बाइड मानव स्वास्थ्य के लिए घातक रसायन है जिसका प्रयोग फलों को समय से पहले पकाने के लिए किया जाता है।

कैल्शियम कार्बाइड

मैलाथियान बासी सब्जियों को मैलाथियान के घोल दस मिनट डाला जाता है जिससे कि वे अगले 24 घंटे तक ताजा दिख सकें।

मैलाथियान

कॉपर सल्फेट, रोडामाइन ऑक्साइड, मालाचेट का प्रयोग फल व सब्जियों को रंगने व ताजा बनाए रखने के लिए किया जाता है।

अन्य रसायन

मोम, रंग व जला हुआ मोबिल ऑयल फलों और सब्जियों में लगाकर उन्हें कुछ देर के लिए ताजा, आकर्षक व चमकदार बनाया जाता है।

मोम व मोबिल 

देश के खाद्य अपमिश्रण कानूनों के तहत इन सभी रसायनों पर प्रतिबंध है और अनुमति वाले रसायनों की मात्रा भी निर्धारित की गई है।

अपमिश्रण

देश के खाद्य अपमिश्रण कानूनों के तहत इन सभी रसायनों पर प्रतिबंध है और अनुमति वाले रसायनों की मात्रा भी निर्धारित की गई है। 

उल्लघंन

रसायनों के जमकर प्रयोग से फलों व सब्जियों का मूल स्वभाव व सुगंध बदल गया है। साथ इनका सेवन अनेक बीमारियों का मूल है।

रोगों का मूल

ये रसायन ब्लड प्रेशर, मधुमेह, लीवर व आंत संबंधी, प्रजनन संबंधी, असमय बुढ़ापा, नर्वस डिस ऑर्डर, कैंसर आदि अनेक बीमारियों को जन्म दे रहे हैं।

बीमारियां

खेत में फलों व सब्जियों को रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों से तैयार किया जाता है। फिर अधिक मुनाफे के लिए जनता को लुभाने हेतु रसायनों का प्रयोग कर बाजार में बेचा जाता है। 

कैसे बचेंगे ?

अब भला बताएं कैसे बचेंगे इस जान लेवा दुष्चक्र से। आइए, व्यवस्था पर दवाब बनाए ताकि वह अपनी नीतियों का पुनरावलोकन करे।

व्यवस्था पर दवाब

सेहत व पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक खेती को अपनाएं। कानूनों ने सुधार हो। वर्तमान नियमों व कानूनों को कड़ाई से लागू करें। तब जाकर हम लोग सुरक्षित, सशक्त व रोग मुक्त रहेंगे।

सुधार

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