मिलेट्स का ऐसी खराब भूमि और विपरीत परिस्थितियों में उत्पादन हो सकता है जहां गेहूं व चावल के उत्पादन के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। 

उत्पादन

मिलेट्स शुष्क क्षेत्रों और कम उपजाऊ भूमि में भी अच्छी उपज दे सकते हैं। इनमें सूखा सहन करने की क्षमता होती है। सूखा, ओला, पाला पड़े या अति वृष्टि हो, ये उत्पादन देते हैं। 

क्षमता 

इनमें बीज, उर्वरक, कीटनाशक, सिंचाई जल आदि कृषि निवेश कम लगने से किसानों को कम लागत में अधिक लाभ होता है।

निवेश 

सामान्यतया इनका मूल्य गेहूं से अधिक होता है। इसलिए ये किसानों के लिए बेहद उपयुक्त फसलें हैं। 

मूल्य

मिलेट्स जल्दी 60 से 90 दिनों में तैयार होने वाली फसलें हैं। गेहूं में 120-180 दिन और चावल में 110-150 दिन लग जाते हैं। 

कम दिन 

इस प्रकार मिलेट्स से किसान एक वर्ष में अधिक फसलें ले सकते हैं जिससे किसानों को अधिक आय की प्राप्ति होती है।

अधिक 

मिलेट्स रोग प्रतिरोधी फसलें हैं। इनमें कीट और व्याधि कम लगने से किसानों की लागत कम आती है।

रोग प्रतिरोधी 

मिलेट्स में अंतरवर्ती फसलें भी सफलतापूर्वक ली जा सकती हैं। 

अंतरवर्ती

मिलेट्स अच्छी रोटेशन फसलें हैं जो भूमि की उर्वरता बनाए रखने और फसलों को कीट व रोगों से बचाए रखने में सहायक है। 

रोटेशन

ये सस्ते होते हैं और इनका भंडारण लंबे समय तक किया जा सकता है। इनको पैदा कर अनेक वर्षों तक खाया जा सकता है। 

भंडारण

मिलेट्स प्रोडक्ट्स शेल्फ लाइफ भी गेहूं व चावल से बने प्रोडक्ट्स की तुलना में अधिक होती है।

शेल्फ लाइफ

इस प्रकार मिलेट्स अधिक लाभप्रद, पौष्टिक और पर्यावरण अनुकूल विकल्प हैं।

विकल्प

Author

Visit our website