राजस्थान का राज्य पक्षीगोडावणविलुप्ति की कगार पर(भाग एक)
संकटग्रस्त
राजस्थान का राज्य पक्षी गोडावण थार के रेगिस्तान में पाया जाने वाला एक बड़ा देशी पक्षी है और यह गंभीर रूप से संकटग्रस्त श्रेणी में शामिल है।
अनेक नाम
बड़े आकार का होने के कारण यह शुतुरमुर्ग जैसा लगता है। राजस्थान में इसे सोहन चिड़िया, हुकना, गुरायीन नामों से जाना जाता है।
आकार
गोडावण करीब एक मीटर ऊंचा होता है और एक से डेढ़ मीटर लंबा होता है। इसका वजन 5 से 10 किलो के बीच होता है।
फाइटर
अपने दोनों डैनो को करीब 4.5मीटर फैलाकर गोडावण जब उड़ान भरता है तो किसी फाइटर विमान जैसा नज़र आता है।
अंडा
यह साल में केवल एक अंडा खुले आसमान के नीचे देता है। कुत्तों व अन्य जंगली जानवरों के कारण ये हमेशा असुरक्षित रहते हैं।
भोजन
ये न फसल को नुकसान पहुंचाते हैं और न ही इंसान को। घनी घास में पाए जाने वाले सांप, बिच्छू, टिड्डी और छोटी छिपकलियां गोडावण के भोजन हैं।
शरणस्थली
1981-82 में जैसलमेर और बाड़मेर जिलों के 3162 वर्ग किमी. क्षेत्र में बने राजस्थान के सबसे बड़ा अभ्यारण्य डेजर्ट नेशनल पार्क में सर्वाधिक गोडावण पाए जाते हैं।
अगले अंक में
गोडावण पक्षी क्यों मर रहे हैं ?
क्यों भाग रहे है पाकिस्तान ?