अमेरिका फिर एक बार बना संसाधनों की महाशक्ति

महाशक्ति

एक सदी पहले तेल समेत सस्ते संसाधनों ने अमेरिका के उत्थान में अहम भूमिका निभाई थी। वित्तीय संकट के 15 वर्षों के बाद अमेरिका फिर एक बार संसाधनों की महाशक्ति बन गया है।

कंपनी

जॉन डी रॉकफेलर की स्टैंडर्ड ऑयल आधुनिक युग की सबसे बड़ी तेल कंपनी थी और उसका जो दबदबा था उसका कभी कोई बराबरी नहीं कर सका।

निर्यात

1879-1940 की अवधि में अमेरिकी विनिर्माण निर्यात का सबसे अहम गुण था तेल व लौह अयस्क समेत ऐसे प्राकृतिक संसाधनों की तीव्रता जिन्हें बार बार उत्पन्न नहीं किया जा सकता था।

वर्चस्व टूटा

अमेरिका का यह वर्चस्व तब टूटा जब आसानी से निकलने वाले संसाधनों का इस्तेमाल शुरू हुआ और विश्व स्तर पर बाजार एकीकृत हुए।

सस्ता

तब अरब, रूस आदि देशों में तेल निकालना सस्ता था और अमेरिका में महंगा क्योंकि अमेरिका में तेल कठोर चट्टानों के काफी नीचे था।

शैल क्रांति

बीते एक दशक में शेल गैस क्रांति ने रुझान उलट दिया और अमेरिका फिर एक बार विश्व युद्ध के पहले  वाली स्थिति में आ गया।

ऊर्जा निर्यातक

अब अमेरिका न केवल ऊर्जा क्षेत्र में स्वतंत्र है बल्कि ऊर्जा का निर्यात भी कर रहा है।अपनी कीमतों से प्रतिद्वंदियों की प्रतिस्पर्धी क्षमता को प्रभावित कर रहा है।

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