अंतराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के मुताबिक 2030 तक भारत विश्व के तेल के आयातक चीन को पछाड़ कर शीर्ष पर आ जाएगा।
शीर्ष पर
यह अर्थव्यवस्था व ऊर्जा सुरक्षा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील विषय है। मुद्रास्फीति बढ़ेगी व वृद्धि धीमी होगी। राजनीतिक उथल पुथल भी मच सकती है।
ऊर्जा सुरक्षा
जीवाश्म ईंधनों का विकल्प समय की मांग है। इलेक्ट्रिक वाहन, ऊर्जा का किफायनी इस्तेमाल, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन आदि पर ध्यान दिया जा रहा है।
ध्यान
बड़ी तेल व गैस कंपनियों तेल की खोज व खनन में लगाया जाए। तेल की खोज करने में पी एल आई की तरह कोई योजना शुरू की जाए।
खनन
हाल ही में ऑयल इंडिया लिमिटेड कंपनी ने लीबिया की सरकारी तेल कंपनी के साथ सहयोग करके प्रतिदिन 75000 बैरल तेल के इजाफे का लक्ष्य रखा है।विदेश में जाकर प्रयास भी जरूरी हैं।