लोकप्रिय संस्कृति को डिजिटल युग में उभरे इंटरनेट सुपरस्टारों, इनफ्लंसर्स और वायरल सामग्री द्वारा आकार दिया जा रहा है।
बदलाव
इंटरक्टिव कहानियों, पॉड कास्ट, वेब सीरीज और ट्रांसमीडिया अनुभवों के साथ डिजिटल युग ने बात कहने के ढंग को पूरी तरह बदल दिया है।
आभासी
आजकल गैलरी और संग्रहालयों ने भी आभासी प्रदर्शनियों और आभासी दौरों की शुरुआत की है, इससे कला प्रेमियों को घर बैठे विभिन्न कलाओं को देखने की सहूलियत मिल रही है।
बेचना आसान
डिजिटल कला स्वरूपों को बाजार में पेश करने में आसानी हो गई है। इन कलाकारों को भौतिक दुनिया से परे अपनी कलाकृति को बेचने या किराए पर देने की सहूलियत मिल रही है।
परख
डिजिटल प्लेटफार्म ने सांस्कृतिक आदान प्रदान को आसान बना दिया है। हम बहुत ही गतिशील वातावरण से गुजर रहे हैं, इसकी क्रांतिकारी क्षमता को समझते हुए प्रामाणिकता व सच्चाई को परखना होगा।