एलबम शक्ति-दिस मोमेंट को मिला ग्रैमी अवार्ड

सम्मान बढ़ा

भारतीय संगीतकारों का लगातार ग्रैमी अवार्ड्स में नामित और जीतना का सीधा अर्थ है कि विश्व स्तर पर हमारा शास्त्रीय संगीत लोगों को पसंद आने लगा है।

अद्भुत

इस एलबम शक्ति में जो संगीत है, वह अद्भुत ऊंचाई को छूता है, जिसमें विदेशी संगीत भी है, पर भारतीय संगीत ने सोने पर सुहागा का काम किया है।

स्थापना

शक्ति एक फ्यूजन बैंड है जिसकी स्थापना 1973 में उस्ताद जाकिर हुसैन और गिटार वादक जॉन मैक्लाघलीन ने वायलिन वादक एल शंकर व विनायक राम के साथ मिलकर अमेरिका में बनाया था।

हम पांच

इंस्ट्रुमेंटल म्यूजिक के लिए इस अवॉर्ड के पीछे इन पांच लोगों का योगदान है, उस्ताद जाकिर हुसैन, शंकर महादेवन, राकेश चौरसिया, सेल्वा गणेश और जॉन मैक्लाघलेन।

फ्यूजन

मैक्लाघलिन ने जॉज शैली में भारतीय संगीत अपने गिटार से बजाया है और शंकर महादेवन ने ज़ॉज को सरगम में गाया है। यह फ्यूजन कमाल का बन गया है।

पहले भी

पहले भी इस तरह के संगीत को बहुत सराहा गया है। फ्यूजन के बल पर पंडित रविशंकर और जुबिन मेहता इत्यादि ग्रैमी में खूब ध्वजा फहराते रहे हैं।

संगीत

पश्चिमी संगीत सुनकर लगता है थिरक लूं,नाच लूं जबकि भारतीय संगीत हमें दिल, दिमाग, आत्मा व ईश्वर तक ले जाता है। हम बहुत आगे हैं पर विश्व ने पहचानना अब शुरू किया है।

लाभ

ग्रैमी अवॉर्ड में ऐसे अलबम को तरजीह दी जाती है जिसमें दुनिया का संगीत गूंजता हो। अब भारतीय संगीत की बहुत लाभ होगा और हमारा संगीत दुनिया भर में पहुंचेगा।

उज्ज्वल 

भारतीय संगीत का भविष्य उज्ज्वल है। स्वरोजगार व सम्मान की अनंत संभावनाएं हैं। हर स्कूल में प्रबंध होना चाहिए।  भारतीय संस्कृति व संगीत को अनिवार्य विषय बना देना चाहिए।

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