किसी भी दूर संचार कंपनी की सेहत को जांचने के दो पैरामीटर हैं1. ग्राहक संख्या2 . प्रति उपयोगकर्ता मासिक औसत राजस्व ( ए आर पी यू)
सबसे सस्ता
भारतीय दूरसंचार उद्योग दुनिया में सबसे सस्ती दूरसंचार सेवा उपलब्ध करा रहा है हालांकि गुणवत्ता में पिछड़े हुए हैं। कॉल करना और खराब सिग्नल आम है।
समस्या
दो ही कंपनियों का दबदबा है। इनको वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि ग्राहक संख्या तो बढ़ रही है पर ए आर पी यू काफी कम बना हुआ है।
तुलना
हमारे देश की कंपनियों का ए आर पी यू विदेशी दूरसंचार कंपनियों की तुलना में बहुत कम है।
व्यय
यह हालत तब है जबकि प्रमुख दूरसंचार कंपनियों में से प्रत्येक ने बीते दो वर्षों के दौरान 5G स्पेक्ट्रम पर व्यय समेत करीब एक लाख करोड़ की राशि व्यय की है।
बाजार
भारत दूरसंचार में महाशक्ति बनने की राह पर है। यह प्रमुख तौर प्री पेड का बाजार है। हमारा राष्ट्रीय दूरसंचार घनत्व 85 है जिसमें अभी इजाफा हो सकता है।
शुल्क वृद्धि
5G सेवाओं का शुल्क बढ़ेगा। शुल्क में बढ़ोतरी के बाद कंपनियां अधोरचना व आंतरिक दिक्कतों पर अधिक धनराशि खर्च कर सकेंगी जिससे उपयोगकर्ताओं को संतोष प्रद सेवा मिल सकेगी।
ए आर पी यू
एजियो का तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर 2023 में ए आर पी यू मात्र 181.70 रुपए रहा है जबकि एयर टेल का 200 से थोड़ा ही अधिक रहा है। अन्य कंपनियां काफी नीचे हैं।
महाशक्ति
युक्ति संगत दरों के बाद ही कंपनियों के पास जरूरी निवेश की गुंजाइश रहेगी और वे तकनीक व सेवा गुणवत्ता सुधार की दशा में आगे बढ़ सकेगी। तभी भारत डिजिटल महाशक्ति बन सकेगा।