उदभव

भारत ने दुनिया को शतरंज दिया। महाभारत में शतरंज जैसे चौसर का उल्लेख। छठीं शताब्दी में चतुरंग के नाम शुरू। अरब जाकर शतरंज के नाम से लोकप्रिय होकर 15वीं सदी में यूरोप में चेस हो गया। 

विश्वनाथन आनंद 

पांच बार विश्व चैंपियन और तीनों प्रारूपों में विश्व खिताब जीतने वाले एकमात्र रहे विश्वनाथन आनंद को छोड़ दें, तब भारत ने शतरंज के बड़े खिलाड़ी नहीं दिए। पर अब स्थिति बदलने वाली है। 

प्रज्ञा नंदा

विश्व कप शतरंज में भारत के प्रज्ञा नंदा विश्व के नंबर 2 व 3 खिलाड़ियोंको परास्त कर विश्व के शीर्ष खिलाड़ी कार्लसन से टाई ब्रेकरमें हारे। उन्होंने दमदार खेल से दिल जीत लिया। 

8 में चार 

इस विश्व कप में चार भारतीयों ने अंतिम आठ खिलाड़ियों में जगह बनाई। ये थे प्रज्ञा नंदा अर्जुन एरिगेसी, डोम्म राजू मुकेश, विदित गुजराती। गुजराती ने पांचवीं वरीयता प्राप्त को हराया। 

अर्जुन

हाल ही में अर्जुन एरिगेसी ने प्रसिद्ध शतरंज टूर्नामेंट शारजाह मास्टर्स अंतराष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप 2023 में जीत दर्ज की। 

टॉप 100 में 20 

विश्व के टॉप 10 में चार और टॉप 20 में सात भारत के हैं। विश्व के बीस वर्ष के नीचे टॉप 100 में 20 भारत के हैं। 

अधिक आयु

विश्व के शीर्ष के अधिकांश खिलाड़ी 30 से अधिक और अपने पीक पर हैं। कार्लसन 33, नाकामुरा 37, करूआना 31, लॉरेन 31, इयान 31।

नौजवान भारतीय

चेस्स बहुत मानसिक श्रम वाला खेल है। पुरानी पीढ़ी जाने वाली है और नईपीढ़ी के नौजवान भारतीय आने को पूरी तरह तैयार हैं। ये एक जेनरेशन शिफ्ट हो रहा है। 

जलवा 15 वर्ष तक

भारत के ये नौजवान शतरंज खिलाड़ी इतनी कम उम्र में परिपक्व हो गए हैं कि इनका जलवा कम से कम 15 साल तक ज़मने वाला है। 

समय हमारा 

भारतीय शतरंज आगे आने वाला समय हमारा है।