प्रतियोगिताएं
नियमित स्कूली प्रतियोगिताएं होती रहती हैं। 10000 से अधिक खिलाड़ी टूर्नामेंट्स में भाग लेते हैं। विश्व कप शतरंज 13 लाख से अधिक ने देखा।
सरकारें व कंपनियां
सरकारें सुविधाएं व सहयता दे रहीं हैं। कंपनियां टूर्नामेंट्स का आयोजन और प्रशिक्षण पर व्यय करती हैं।
प्रोत्साहन
माता पिता व स्कूल सभी इसको तार्किक सोच में बढ़ावा देने में सहायक मानकर प्रोत्साहन देते हैं।
विश्वनाथन आनंद
पांच बार के चैंपियन विश्वनाथन आनंद नौजवान पीढ़ी के आदर्श व मेंटर के रूप ने सक्रिय हैं।
प्रशिक्षक
भारत में बहुत अच्छे शतरंज प्रशिक्षक हैं और उनकी तादाद लगातार बढ़ रही है। शीर्ष पर आर. बी. रमेश, विश्वनाथन आनंद जैसे खिलाड़ी हैं।
डिजिटल क्रांति
सबसे अधिक अंतर डिजिटल क्रांति ने किया। स्मार्ट फोन तेजी से बढ़े और डाटा बहुत सस्ता हो गया।
लॉक डाउन से पुश
सस्ते डाटा और इफरात समय के कारण लॉकडाउन में ऑनलाइन चेस जमकर खेला गया। ऑनलाइन खेले जाने वाले 50 मिलियन गेम्स में बड़ा हिस्सा भारतीयों का है।
ऑनलाइन धन
अब ऑन लाइन में कड़े प्रतिस्पर्धियों के साथ शतरंज खेलना संभव है। अब शतरंज से ऑनलाइन धन कमाया जा रहा है।
जूम कोचिंग
छोटे शहरों के खिलाड़ियों को ऑनलाइन द्वारा शतरंज की जूम कोचिंग मिल रही है।
विश्लेषण
चेस के करोड़ों मुकाबले के आंकड़े ऑनलाइन उपलब्ध हैं। नेट पर उच्चकोटि विश्लेषण मिल जाते हैं। अब बगैर प्रशिक्षक के भी बड़ा खिलाड़ी बनना संभव है।
सुलभ व लाभप्रद
उन्नत मीडिया कवरेज, लाइव शतरंज में दर्शकों की भागीदारी, ऑन लाइन स्ट्रीमिंग और ढेरों प्रायोजक ने शतरंज को सुलभ व लाभप्रद बना दिया है।
दूसरी रैंक
भारत में ही जन्मा शतरंज अब लोकप्रिय होता जा रहा है। अंतराष्ट्रीय शतरंज में भारत की दूसरी रैंक है जो शतरंज में हमारी मजबूती को दर्शाता है।
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