क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में भारत की हार कचोटती ही रहेगी। यह दुःख रिसता ही रहेगा क्योंकि ये एक ऐसी अप्रत्याशित हार थी जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
हार्ड लक टीम इंडिया
कोई कितना कहे कि खेल खेल होते हैं और खेल में हार जीत लगी रहती है। लेकिन यह सच है कि अपनी टीम की जीत हम सबको अनिर्वचनीय आनंद से भर देती है और हार गहरे अवसाद और निराशा से।
जीत हार
हमारे बल्लेबाज और गेंदबाज शानदार फॉर्म में थे। भारत सभी 9 टीमों को आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सहित बुरी तरह हराकर फाइनल में पहुंचा था।
शानदार फॉर्म
विश्व कप से तनिक पहले भारत ने एशिया कप शानदार तरीके से जीता था और अपने सभी प्रतिद्वंदियों को बुरी तरह परास्त कर दिया था।
एशिया कप
ये विश्व कप तो भारत अपने देश में खेल रहा था और फाइनल में स्टेडियम के भीतर टीम को 13 मिलियन लोगों का समर्थन हासिल था।
13 मिलियन
पर खेल में अनहोनी होना कोई अनहोनी नहीं होता। ऐसे ही इतिहास रचे जाते हैं। भारतीय टीम फाइनल हार गई। यह विश्वकप 10 शानदार जीतों के लिए, बल्कि एक जीत से चूक जाने से जाना जाएगा।
अनहोनी
अभी तक टूर्नामेंट में अविजित व शानदार फॉर्म में रही टीम के साथ अनहोनी घट ही गई। इस अप्रत्याशित हार का दर्द हमारे मन में अनंत काल तक रिसता रहेगा।