यह शुष्क क्षेत्र में उपजने वाला, वर्ष भर उत्पन्न होने वाला अनाज का पौधा है। इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन व कैल्शियम पाया जाता है।
रागी या मंडुआ
इस धान्य में सभी आवश्यक एमिनो एसिड्स, विटामिन ए, बी, फॉस्फोरस, फाइबर्स जो हमारे शरीर के विकास के लिए चाहिए, वो संतुलित मात्रा में उपलब्ध हैं।
पोषक तत्त्व
यह चावल व गेहूं से दस गुणा अधिक कैल्शियम व लौह का स्रोत है, जिसकी वजह से यह बच्चों के लिए अमृत समान है जो कुपोषण से लड़ने के लिए उन्हें सक्षम बनाता है।
अति महत्व का
इस अनाज में उपलब्ध रेशे की मात्रा उदर विकार, उच्च रक्तचाप और आंतों के कैंसर से हमारे शरीर की रक्षा करता है।
रेशे की मात्रा
शर्करा के स्तर को एवं मधुमेह को नियंत्रित करने की क्षमता की वजह से रागी एक आदर्श खाद्यान्न है।
मधुमेह में लाभकारी
रागी से अनेक तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं जैसे चपाती, डोसा, केक, खीर, कुकीज, लड्डू, बिस्किट, माल्ट, मफिन्स आदि।
व्यंजन
रागी का आटा - 100 ग्रामआलू - 8 लाल मिर्च पाउडर हरी मिर्च - 4अंडे - 4
प्रयुक्त सामग्री
काली मिर्च 8गरम मसाला - 3 ग्रामप्याज - 1करी पत्ता, हरा धनिया, तेल व नमक आवश्यकतानुसार
प्रयुक्त सामग्रीभाग दो
आलू को कद्दूकस कर लें, ठंडे पानी में डालकर 5 मिनट रखकर निचोड़ लें। रागी आटे में प्याज, हरी मिर्च काट कर डाल लें ।
बनाने की विधि भाग - I
अंडा, लाल मिर्च पाउडर, नमक, गरम मसाला, हरा धनिया, काली मिर्च आदि डालकर मिलाकर गूंथ लें।
बनाने की विधि भाग - II
पैन गर्म करके तेल लगाएं व मिश्रण को टिक्की का आकार देकर पैन पर शैलो फ्राई करें। टमाटर के सॉस व चटनी के साथ परोसें।