तेजी से बदलते डिजिटल युग में कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी नाटकीय बदलाव हो रहे हैं। रचनात्मकता व प्रोधौगिकी के संगम से आए नए युग में नवाचार की कोई सीमा नहीं है।
सुलभ
डिजिटल के कारण कला व संस्कृति में हो रही भारी उथल पुथल ने पुरानी सीमाओं को धूमिल कर दिया है। इंटरनेट ने रचनात्मकता का लोकतंत्रीकरण कर कला व संस्कृति को सर्व सुलभ बना दिया है।
प्रौद्योगिकी
प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके इच्छुक कलाकार आसानी से सुलभ सॉफ्टवेयर, सोशल मीडिया और ऑन लाइन गैलरी के माध्यम से अपना काम दुनिया भर के दर्शकों के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं।
सोशल मीडिया
सोशल मीडिया प्लेटफार्म का अब संस्कृति के केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। ये चर्चाओं, रूझानों और यहां तक की सामाजिक आंदोलनों को आकार दे रहे हैं।