ग्लोबल नैरेटिव बनाने का महत्त्व  ( भाग दो )

महत्व

ग्लोबल नैरेटिव का महत्व बहुत बढ़ गया है। अपने हितों को साधने के लिए अनुकूल नैरेटिव बनाने के लिए सारे बड़े देश जुटे रहते हैं। हर समय मीडिया वार चलता रहता है।

मीडिया वार

भारत की सेना की ताकत विश्व मान्य है। हम मिसाइल बना रहे हैं।जहाज व हथियार खरीद रहे हैं। लेकिन वो तो जब युद्ध होगा, तब काम आयेंगे। मीडिया वार 24x7 चल रहा है।

इराक

पूरे विश्व में मीडिया द्वारा युद्ध लड़ना आम हो गया है। कहते हैं इराक के खिलाफ अमेरिका ने झूठा नैरेटिव सेट किया, फिर हमलाकर जीत लिया और पूरे विश्व में न के बराबर विरोध हुआ।

दुष्प्रचार

मंदिर की लड़ाई दशकों तक चली।हिंदू व मुस्लिम दोनों ने कहा कि जो निर्णय आयेगा, हमें मंजूर होगा। भारत में इसका स्वागत हो रहा है फिर भी पश्चिमी देश दुष्प्रचार में लगे हैं।

ग्लोबल नैरेटिव

हमें ग्लोबल नैरेटिव के लिए कार्य करना होगा। अगर हम इंटरनेशनल लेवल पर अपनी बात को मजबूती से  रखने लायक नहीं बनेंगे, तब हम कभी वास्तव में वर्ल्ड पावर नहीं बन पायेंगे।

अगले अंक में  

अगले अंक में जानिए क्यों साबित हो रहे हैं हम ग्लोबल नैरेटिव बनाने में फिसड्डी ?

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