Harbinger of faster growth आर्थिक संकेतक  2023-24 जी डी पी की रफ्तार उम्मीद से ज्यादा

तेज विकास का अग्रदूत

भारत नई छलांग को तैयार

साल 2023 की शुरुआत डरी सहमी हुई सी थी। कोरोना की आशंकाएं हवा में थी। फिर भी विश्व को सबसे ज्यादा उम्मीद भारत से ही थी।

साल 2023

भारत ने निराश नहीं किया। साल की तीसरी तिमाही जुलाई से सितंबर 2023 तक हमारी जी डी पी 7.6% है यानी रिजर्व बैंक के अनुमान 6.5 से कहीं ज्यादा।

हासिल

मनमोहन सिंह के पहले कार्यकाल 2004-09 के दौरान जी डी पी 6.9 % और दूसरे कार्यकाल 2009-14 में जी डी पी 6.7% रही।

फ्लैश बैक 

सबसे अधिक जी डी पी मोदी के पहले कार्यकाल 2014-19 के दौरान 7.4% रही, जो किसी भी पी एम के कार्यकाल में सबसे तेज थी।

सर्वाधिक

दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत की विकास दर सबसे तेज है। दुनिया भर में छायी मंदी के बीच भारत के विकास का सूरज दमक रहा है।

सबसे तेज

अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि दुनिया के विकास में भारत 16 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। उसने भारत को ग्लोबल ग्रोथ लीडर कहा है।

आई एम एफ

आर्थिक संकट से जूझती दुनिया में भारत अपनी हैसियत बढ़ाने में सफल रहा और वह ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।

पांचवीं अर्थव्यवस्था

अभी भी विकट समस्याएं हैं, पर तमाम चुनौतियों के बावजूद इस साल के हासिल ने आगामी समय के लिए एक मजबूत बुनियाद तैयार कर दी है।

मजबूत बुनियाद

भारत जी डी पी की रफ्तार उम्मीद से ज्यादा लाने में कामयाब है। लगता है मोदी इरा में जी डी पी का न्यू नॉर्मल 7.5 है जो भविष्य में होने वाले तेज विकास का अग्रदूत है।

न्यू नॉर्मल

चुनौतियां अभी भी बड़ी हैं पर इतना तो साफ है कि भारत अब नई छलांग लगाने को तैयार है। वह छलांग जिसका इंतजार वर्षों से हो रहा था।

छलांग को तैयार

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