आधुनिक आर्थिक सुधारों
की नींव रखने वाले
नरसिम्हा राव को
भारत रत्न
व्यक्तित्व
नरसिम्हा राव (1921-2004) वकील, बुद्धिजीवी व अविभाजित आंध्र प्रदेश के कद्दावर नेता थे। मुख्यमंत्री रहे और नेहरू गांधी परिवार से अलग पहले और भारत के 9वें प्रधानमंत्री बने।
अर्थ सुधार
कांग्रेस के दिग्गज नेता नरसिम्हा राव को 1991 में भारत में आर्थिक सुधार लाने का श्रेय दिया जाता है, जिसने कुख्यात लाइसेंस राज के अंत का मार्ग प्रशस्त किया।
दूरदर्शी
उनका दूरदर्शी नेतृत्व भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने, देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने में सहायक था।
जब भारत 1991 में
विदेशी मुद्रा भंडार के संकट का सामना कर रहा था, तब उन्होंने वैश्वीकरण, उदारीकरण और निजी कारण जैसे आर्थिक सुधारों को अपने वित्त मंत्री मनमोहन सिंह से लागू करवाया।
विद्वान
राव दर्शन, संस्कृति, साहित्य के विद्वान और अनेक भाषाओं के जानकार थे। संगीत, कला, नाट्य कला में उनकी विशेष रुचि थी। अनेक रचनाओं को मराठी से तेलुगू व तेलुगू से हिंदी ने अनुवाद किया।
साहित्यकार
उन्होंने विश्वनाथ सत्यनारायण के तेलुगू उपन्यास वेई पदागालू का हिंदी में सहस्त्रफन व आप्टे के मराठी उपन्यास पान लक्षत कोन घेटो के तेलुगू अनुवाद अंबाला जीवितम किया।