आज हमने अयोध्या राम मंदिर में राम लला की अत्यंत भाव प्रवण और जीवंत प्रतिमा के साक्षात दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर अपने को धन्य अनुभव किया।
अद्भुत
एक सार्थक व सकारात्मक ऊर्जा, भक्ति, शक्ति के संचार का अद्भुत अनुभव हुआ। दर्शन के उन अनूठे पलों में हम सबने भावनाओं में आकंठ निमग्न होने का अवर्णनीय अनुभव किया।
नरमुंड
हमने रामलला के दर्शन के लिए सरकता हुआ राम का उदघोष करता हुआ उत्साह, उल्लास, उन्माद से सरोबोर लाखों लोगों का भक्ति से तरंगित जनसमूह देखा। जहां तक दृष्टि नरमुंड ही नरमुंड।
अनुभूति
कोई अनुशासनहीनता, तनाव, भगदड़ नहीं, पूरे जोश के साथ भक्तों का ऐसा सैलाब, ये लाइफ टाइम अनुभूति थी। जन सैलाब में महिलाओं की भागीदारी अधिक दिखी। क्या यह नवजागरण की खनक है ?
मुलाकात
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय जी मिले। उनकी सरलता व मंदिर के प्रति समर्पण मर्मस्पर्शी था। हमने प्रसाद रूप में दर्शन से पूर्व गाजर का हलवा और दर्शन के बाद भोजन भी ग्रहण किया।
जन भागीदारी
अयोध्या मंदिर व आसपास देश के कोने कोने की सामान्य जनता द्वारा स्वेच्छा से ढेरों वस्तुएं दी जा रहीं हैं। पता चला कि मंदिर के द्वारों पर चढ़ा सोना भी भेंट में मिला है।
काम बाकी
अयोध्या को पूरी तरह बदलने में अभी समय लगेगा। तीन साल पहले भी मैं गया था पर आज की अयोध्या बदल गई है। मंदिर जब तक तैयार होगा, तब तक अयोध्या एक बार फिर पहचान में नहीं आयेगी।
संख्या
औसत पौने दो लाख भक्त रोजाना आ रहे हैं (सालाना 6 करोड़ से अधिक) संख्या की दृष्टि से राम मंदिर विश्व के किसी भी धार्मिक स्थान (मक्का मदीना, वेटिकन आदि) को पीछे छोड़ देगा।
पिक
भरत कुटी, विश्व हिंदू परिषद् कार्यालय, कारसेवक पुरम् में चंपत राय जी के सेवा में लगे रहने वाले रजनीश जी (दाहिनीं ओर) ने हम सभी को राम जन्मभूमि मन्दिर, अयोध्या जी का भव्य व दिव्य दर्शन कराया।