चुनाव में चले ब्रह्मास्त्र
एक विवेचना
मोदी का मास्टर स्ट्रोक
मोदी को अचानक सूझा ” अबकी बार चार सौ पर” और उन्होंने संसद में घोषणा कर दी। उनकी पार्टी, विपक्ष ,मीडिया और सारा देश अचंभित रह गया और उनके इस नैरेटिव में उलझ कर रह गया। विपक्ष तब चेत पाया जब आधा से चुनाव निकल गया। सयाना व सजग मीडिया में चार सौ पार में उलझ कर रह गया, किसी ने यह सवाल नहीं किया कि तीन सौ भी आ रही हैं या नहीं ये था मोदी का मास्टर स्ट्रोक।
अब चार सौ पार के नारे में चंद भाजपाई उत्साह में जब यह कहने लगे कि संविधान बदलने के लिए मोदी को चार सौ सीट चाहिए। तब विपक्ष ने चार सौ पार और संविधान बदलने को सफलतापूर्वक आरक्षण समाप्त करने से जोड़ दिया। ये था विपक्ष का मास्टर स्ट्रोक। बाजी हाथ से निकलती देख भैंस, टोंटी, मंगलसूत्र, मुजरा जैसे मुद्दे आ गए।
मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा
जनता में इसका असर दिखने लगा तब मोदी ने कांग्रेस को मुस्लिम आरक्षण से जोड़ दिया। अब वो कहने लगे कि विपक्ष ओ बी सी का आरक्षण छीन कर मुस्लिमों को दे देगा। अब लगता है एक बार फिर मोदी ने बाजी अपनी तरफ कर ली है।
भारतीय राजनीति की शतरंज
यही है भारतीय राजनीति की शतरंज की बिसात, जिस पर धुवांधार चालें चली गईं। झूठ का कारोबार किया गया।आशंकाओं को उठाया गया। नॉन इश्यू को मुख्य इश्यू बनाया गया। अर्ध सत्य बोले गए।सत्ता मोह में अंधे होकर सारे मूल्य व आदर्श ताखे पर रख दिए गए। एक दूसरे से ज्यादा नीचे गिरने की होड़ सी मची रही। जो भी जीते, उसे बधाई, वो खाए सत्ता की मलाई। लेकिन मानवता, भारत और आम जनता ऐसे मुद्दों व व्यवहार से बहुत आहत हुई। कैसे होगी इसकी भरपाई ?