भारतीय समाज में उपहार देने की परंपरा

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भारतीय समाज में उपहार देने की परंपरा

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उपहार देने की परंपरा सदियों से

भारतीय समाज में उपहार देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। उपहार से हम उस व्यक्ति के प्रति अपने प्यार, सम्मान, ट्रस्ट, कृतज्ञता आदि का इजहार करते हैं।

 महंगी वस्तुएं उपहार में न दें

हमने अनेक बार देखा है कि कई लोग अपने हितों को साधने के लिए भी उपहार देते हैं। उपहार में कई बार बड़ी महंगी वस्तुएं भी दी जाती हैं। महंगी मिठाई, ड्राई फ्रूट्स आदि देना सामान्य बात हो गयी है।

प्राप्त उपहारों की समस्या

आजकल उपहार पाने वाले प्रभावशाली व्यक्ति के पास सामान्य जीवन की लगभग सारी वस्तुएं होती हैं । जब ऐसा व्यक्ति उपहार पाता है तो उनके सामने समस्या खड़ी हो जाती है कि प्राप्त उपहारों का क्या करें ?

बाजारू  मिठाई स्वास्थ्य के लिए खराब

जहां तक मिठाई देने-लेने की बात है, बाजार की मिठाई हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं होती और हम लोग इतने कैलोरी कांशियस हो गए हैं कि मिठाई का सेवन मन से और ठीक से कर भी नहीं पाते।

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सोन पापड़ी व ड्राई फ्रूट्स

कुछ मिठाइयां ऐसी है कि कि उनके पैकेट खुलते ही नहीं है और उनका आपस में लगातार आदान-प्रदान ही होता रहता है, इनमें प्रमुख है सोन पापड़ी। कई बार घर से जुड़े कर्मीगण को भी दे दी जाती है। अनेक बार इन्हें पुनः दुकानों में पहुंचा दिया जाता है और वहां से फिर बेच दिया जाता है। ऐसा ड्राई फ्रूट्स में अधिक देखा जा रहा है। यह चक्र चलता  ही रहता है।

निमंत्रण के साथ मिठाई की परंपरा 

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आजकल किसी भी निमंत्रण के साथ महंगी मिठाई या ड्राई फूड्स देने की परंपरा भी चल पड़ी है। इन सामाजिक परंपराओं का बहुत अधिक बहुत मूल्य नहीं है। बाजारू मिठाइयां स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं होती हैं और महंगे उपहारों को दे-ले कर अपने हितों को साधने की कोशिश भी ठीक नहीं है । ये एक प्रकार से रिश्वत देने की तरह ही है।

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इको फ्रेंडली गिफ्ट्स

अगर हमें उपहार देना ही है तो क्यों न हम ऐसे उपहार दें जो हमारे स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को सशक्त बनाए और हमारे घर को सुंदर बनाकर प्रदूषण भी कम करें । ऐसा उपहार केवल पौधे ही हो सकते हैं खासतौर से इको फ्रेंडली पॉट्स में दिए गए पौधे।

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प्रदूषण रोधी पौधे हमारे साथ ग्रो करते हैं।

यकीन मानिए इनसे अच्छा और काम का और कोई उपहार हो ही नहीं सकता क्योंकि यह हमारे और आपके साथ ग्रो करते हैं । महंगे उपहार लोग भूल जाएंगे । मिठाइयां व ड्राई फ्रूट्स भी कंज्यूम होकर खत्म हो जाएंगी या दूसरों को दे दी जाएगी लेकिन पौधे जिस व्यक्ति को आप देंगे उनके साथ रहेंगे और उनके घर को न केवल अपनी सुंदरता से सुशोभित करते रहेंगे बल्कि प्रदूषणरहित करने में भी सहायक बनेंगे। इसलिए हम केवल पौधों का ही उपहार एक दूसरे से दें और कुछ भी नहीं।

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ग्रीन गिफ्टिग

अगर यह उनके घर में ज्यादा होंगे तो वह दूसरे को दे देगा और इन सभी कार्यों से न केवल प्राप्तकर्ता को लाभ पहुंचेगा बल्कि इस कार्य में मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण, राष्ट्र और मानवता की भलाई भी निहित होगी। इसलिए सारे उपहारों को तिलांजलि देकर हमें अपना फोकस ग्रीन गिफ्टिंग की तरफ कर देना चाहिए।

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 पौधों का ही उपहार दें।

जब हम पौधों का उपहार देंगे तो उसके पीछे कोई स्वार्थ की मंशा भी नहीं होगी जो कि अधिकांश उपहारों के पीछे छिपी होती है। हमें कलुषित मन से दिए उपहारों से भी मुक्ति मिलेगी और हम शुद्ध भावनाओं से ही एक-दूसरे को उपहार दे और ले पाएंगे।

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