आइए, जानें क्या है  भा का बैंड संगीत

स्थापना

भारत में बैंड संगीत ने 1980 के दशक में आकार लेना शुरू किया और 1990 के दशक तक पूरी तरह स्थापित हो गया।

इंडियन ओशियन

कुछ संगीत में रुचि रखने वाले मित्रों ने मिलकर पहली रचना तैयार की। यह भारत का पहला अग्रणी व लोकप्रिय बैंड बन गया। इन्होंने कबीर की रचनाएं लेकर अपना संगीत स्वयं रचा।

कबीर

सदियों पुराने पर आज भी प्रासंगिक कबीर के ग्रथों को चुनकर अपने संगीत से रंग दिया। इंडियन ओशियन कबीर की रचनाओं के माध्यम से जो संदेश देते थे, वह कालातीत व बहुत प्रभावशाली था।

लोकप्रिय बैंड

धीरे धीरे बैंड संगीत अपने आप में लोकप्रिय संगीत की एक महत्वपूर्ण शैली बन गया और अग्नि, स्वरात्मा, परिक्रमा और द लोकल ट्रेन जैसे लोकप्रिय बैंड स्थापित हो गए।

प्रस्तुति

बैंड संगीत भारतीय संगीत समारोह की पारंपरिक व्यवस्था से अलग हैं। कलाकारों का समूह का प्रदर्शन के समय डोलना, कैजुअल कपड़े पहनना, अनौपचारिक होना कुछ विशेषताएं हैं।

हर कलाकार महत्वपूर्ण

बैंड संगीत में कोई एक कलाकार मुख्य न होकर पूरा समूह मायने रखता है। प्रस्तुति का कुछ हिस्से में एक साथ और कुछ में एकल प्रदर्शन करना होता है।

संदेश

यह व्याकरण, ढांचे, नियमों व विनियमों से बंधा नहीं है। यह ऐसे संगीत सृजन पर ध्यान केंद्रित करता है जो मनोरंजन करने के साथ समानांतर रूप से दर्शकों को एक निश्चित संदेश भी दे।

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