ऐ काल ! तुझसे होड़ है मेरी (भाग एक)
बहुत कम धन के व्यापार प्रारंभ
फैक्ट्री की स्थापना
जन्नत नाम से नर्सरी
बायो ऑर्गेनिक नेचुरल क्या है? किक द केमिकल्स
जब हमने देखा कि जैविक के नाम पर रासायनिक प्लांट फूड धड़ल्ले से बिक रहा है जो स्वास्थ्य,मिट्टी और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। तब हमने जैविक बागवानी पर बल देने के लिए जैविक व शुद्ध प्लांट फूड भी उपलब्ध कराया। हम बॉन प्रोडक्ट्स के ब्रांड से 100% Pure, bio, organic, natural, vegan, chemical free, pollution free प्लांट फूड्स का निर्माण कर रहे हैं।
Bonproducts.in के नाम से हमारी वेबसाइट है। प्रदूषण और रसायन मिट्टी, पर्यावरण और जीवों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं।रसायन मुक्त और प्रदूषण मुक्त कार्यों व उत्पादों के प्रमोशन के लिए हमने एक यूट्यूब चैनल बनाया है जिसमें 35 से अधिक वीडियो बना चुके हैं।हमारी वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर आपको सारी जानकारी मिल जायेगी।
हमारा मोटो है ‘ Give Back to Mother Earth with Us‘ और हमारी टैग लाइन है ‘Kick the Chemicals’. जन्नत नर्सरी में हमने आमजन को बढ़ते प्रदूषण से सचेत करने के लिए प्रदूषणरोधी पौधों (Air Purifier Plants)सम्बन्धी गैलरी की स्थापना की। वहां आपको एक छत के नीचे 50 से भी अधिक प्रदूषणरोधी पौधे देखने को मिल सकते हैं साथ में उनसे संबंधित साहित्य भी।
धार्मिक व सांस्कृतिक पौधों की गैलरी
हमने धार्मिक व सांस्कृतिक पौधों (Religious and Cultural plants) की गैलरी भी बनाई। आपको लगभग सारे इस तरह के लोकप्रिय पौधे कम मूल्य पर मिल जायेंगें ।
पुस्तकों का लेखन
आम लोगों को बढ़ते प्रदूषण और बिगड़ते पर्यावरण के बारे मे जागरुक करने के लिए हमने दो पुस्तकें लिखी Gardening Guide और Air Purifier Plants.
विद्यार्थी जीवन में प्रकाशन और असफलता का कारण
मैंने विद्यार्थी जीवन में चार किताबें लिखी थी जिनके अनेक संस्करण निकले थे। एक त्रैमासिक पत्रिका ‘‘प्रतियोगी’’ भी निकाली थी। जिसके दो अंक आये थे और जिसकी गुणवत्ता की चतुर्दिक प्रशंसा हुई थी। अति उत्साह में एक बड़ी गलती हुई, पॉकेट मनी से चल रहे व्यवसाय में पूरे देश में प्रतियोगी मैगजीन की प्रतियां भेज दीं। हमें यह नहीं पता था कि किसी भी मैगजीन के 6 अंक आने के बाद ही उसका भुगतान भेजे जाने की परंपरा है।
एक मैगजीन विक्रेता ने बताया कि अनेक कारणों से 90% मैगजीन दो चार अंक निकालकर ही दम तोड़ देती हैं इसीलिए हम लोग जब पत्रिका के 6 अंक आ जाते हैं तब पहले अंक का पैसा देना प्रारंभ करते हैं। अब हमारा सारा पैसा, चार किताबों के अनेक संस्करण का भी मैगजीन देश के कोने कोने में भेजे जाने में लग गया था,जो मिलने वाला नहीं था।
हमारे पास ज्ञान, श्रम, जज़्बा सब कुछ था, पर धन नहीं बचा था। किंतु धनाभाव के कारण हम उसके और अंक नहीं निकाल सके। लखनऊ आकर मैंने अपनी इसी हॉबी को व्यवसाय बनाना चाहा, किंतु अनुकूल माहौल न पाकर व्यापार की ओर मुड़ गया, फिर भी मेरा यह शौक सदा जिंदा रहा और आज भी है। इसी कारण मैं लिखता रहा, पर्यावरण, उद्यान, पशुपालन, कृषि, प्रदूषण, शिक्षा आदि विषयों पर। पशुपालन व उद्यान पर अधिक लिखा क्योंकि मुझे लगता है कि इन दोनों में छोटी आय वाले लोग अधिक हैं और इनसे कम पूंजी लगाकर अच्छी आय अर्जित की जा सकती है।
क्या है पी पी पी
थोड़ा आर्थिक स्थायित्व आने के बाद मेरा यह पुराना शौक एक बार फिर जाग उठा। अब हमने अपने लेखन कार्यों के प्रकाशन के लिए एक संस्था People’s Participation Publication की स्थापना की है। हमारा मोटो Nation Building Products है और हमारी टैग लाइन –
देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें।
अंधकार को क्यों धिक्कारे, अच्छा हो एक दिया जलाएं।।
सामान्यतया पब्लिकेशन को केवल किताबों से संबंधित मान लिया जाता है, किंतु हमारा नारा है।
More than just books
पुस्तकों के अतिरिक्त अनेक जागरूकता उत्पादों का निर्माण
नेशन बिल्डिंग प्रॉडक्ट्स एवं बॉन प्रोडक्ट्स नाम के दो यूट्यूब चैनलका संचालन
राष्ट्र की शक्तियों और कमजोरियों पर नज़र रखकर उसकी विवेचना के लिए हम नेशन बिल्डिंग प्रॉडक्ट्स एवं बॉन प्रॉडक्ट्स के नाम से दो यूट्यूब चैनल चला रहे हैं जिसमें 170 से भी अधिक वीडियो बना चुके हैं।
क्या है लिटरेचर बैंक ?
हमने पशुपालन, उद्यान, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यावरण, प्रदूषण, मिड डे मील, शिक्षा आदि पर हजारों सचित्र साहित्य वाला एक विशाल Literature Bank तैयार किया। गत पच्चीस से भी अधिक वर्षों से निरंतर अनथक श्रम से तैयार हुआ। इसके अधिकांश आर्टिकल्स को विषय के विशेषज्ञों ने जांचा परखा है। जिसे हम धीरे धीरे अपनी वेबसाइट पर डालेंगे ताकि यह सर्व सुलभ हो जाए।