अयोध्या हार पर एक विवेचना
जरा किसी भी पार्टी हित के ऊपर उठ कर सोचिए। क्या अयोध्या बी जे पी को हारना चाहिए। जिन्होंने भव्य राम मंदिर बनाकर अयोध्या की दशा व दिशा बदल दी। उन्होंने अयोध्यावासियों और उनकी आने वाली पीढ़ियों की किस्मत पलट दी।अयोध्या को सदैव के लिए मनी स्पिनर बना दिया। जमीन कई गुणी महंगी हो गई। आम व खास सभी के लिए रोजगार सृजन किया। ऐसा अद्भुत कायापलट अकल्पनीय था। कालजयी पर्यटन स्थल के रूप अयोध्या को विकसित होते हम सब देख रहे हैं। फिर क्यों, मोदी योगी की भाजपा को अयोध्या तक में हार का सामना करना पड़ा।
आपको पता है अयोध्या में नारा चला ,”न अयोध्या न काशी, इस बार पासी” जातियों की गुणा गणित ने धर्म और अच्छे कर्म को परास्त कर दिया। अब क्यों कोई करेगा अयोध्या जैसा निर्माण। अगर जातियों का ही खेल खेलकर जनता को थोथा व झूठा विकास का नाटक करना है, तो यह सत्ता पार्टी ज्यादा अच्छी तरह से कर सकती है। हम सब नेताओं को गरियाते और कोसते हैं। अयोध्यावासियों आपके लिए जिन नेताओं ने इतना कुछ किया, बदले में आपने उनको क्या दिया? क्या आपके इस निर्णय से नेताओं को यह संदेश नहीं जायेगा, कुछ न करो, जातियों व धर्मों की कॉकटेल से चुनाव जीतकर जनता को बेवकूफ बनाते रहो।
अब ये लोग अयोध्या के लिए क्या करते जो आप इनको वोट देते। आज मुझे इस बात का अहसास हो रहा है कि हमारा देश को सैकड़ों साल तक क्यों गुलाम रहा। क्षुद्र स्वार्थों के कारण खंड खंड जातियों में बटा भारत आज भी बहुत कमजोर है। कब हमारी जनता कर्मो के आधार पर वोट देना प्रारंभ करेगी।