इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स 2023
मिलेट्स या मोटे अनाजों का खूब हल्ला मचा है क्योंकि पूरा विश्व 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (इंटरनेशनल ईयर का मिलेट्स) के रूप में मना रहा है ताकि दुनिया भर में इन पोषक अनाजों की थाली में वापसी के लिए जागरूकता बढ़ाई जा सके।
मोटे अनाजों में भारत की स्थिति क्या है?
आइए देखते हैं मोटे अनाजों में भारत की क्या स्थिति है। आज भारत का मिलेट्स उत्पादन एशिया का 80 प्रतिशत एवं वैश्विक उत्पादन का 20 प्रतिशत हैं।
आइए जानते हैं कि क्या है मोटे अनाज की पृष्ठभूमि
अनाज की प्राचीनतम फसल कौन सी है ?
भोजन के लिए उगाई जाने वाली अनाज की प्रथम फसल मोटा अनाज बाजरा है, जिसके सिंधु सभ्यता में पाए गए सबसे पहले प्रमाण लगभग 5000 वर्ष ईसा पूर्व के हैं। भारत में 60 के दशक के पहले तक मोटे अनाज की खेती की परंपरा थी। हमारे पूर्वजों ने हजारों वर्षों तक मोटे अनाजों का उत्पादन किया। यजुर्वेद में मोटे अनाज का जिक्र मिलता है।
हरित क्रांति का असर
1960 के दशक में हरित क्रांति के नाम पर हमने मोटे अनाजों की जगह गेहूं और चावल के उत्पादन पर अधिक जोर दिया, इसलिए मोटे अनाज बिछड़ते चले गए।
आइए जानते हैं कि क्या हैं मोटे अनाज?
मिलेट्स बहुपयोगी फसलें हैं, इनका उपयोग खाद्य, पशु चारा, दवाइयां और अनेक मूल्यवर्धित उत्पादों के रूप में किया जाता है। यह कम कृषि निवेशों में और विपरीत परिस्थितियों में अधिक उत्पादन क्षमता वाली होती हैं।
किसके लिए मिलेट्स बेहद उपयुक्त फसलें हैं ?
इसलिए छोटी जोत वाले किसानों के लिए बेहद उपयुक्त फसलें हैं
आइए देखते हैं कि कौन कौन से मोटे अनाज ?
भारत सरकार के राजपत्र या The Gazette of India में दस मोटे अनाज दिए गए हैं।
तीन बड़े दानों वाले अनाज हैं
- ज्वार 2. बाजरा 3.मंडुआ या रागी
पांच छोटे दानों वाले मोटे अनाज है
- सांवा 5. चीना 6. काकुन या कंगनी 7.कोदो 8. कुटकी
दो प्रच्छन्न मोटे अनाज हैं
- कुट्टू 10. रामदाना
क्या हैं प्रच्छन्न अनाज (Pseudo millets)?
कुट्टू एवं रामदाना के फल के बीज को पीसकर आटा तैयार किया जाता है ।यह प्रच्छन्न अनाज (pseudo millets) वास्तव में मिलेट्स नहीं है । ये पौधों के फल है और सदियों से इनका सेवन फलाहार के रूप में किया जाता रहा है।
इस गजट के अनुसार आठ मिलेट्स फसलों के अलावा कुट्टू और रामदाना को भी इसलिए मिलेट्स की श्रेणी में सम्मिलित किया गया है क्योंकि उनके गुण और पोषक तत्व मिलेट्स जैसे ही होते हैं।
मिलेट्स का नया नाम क्या है?
मिलेट्स के अनेक हिंदी नाम चल रहे थे, जैसे पोषक अनाज,पौष्टिक धान्य,मोटे अनाज, कदन्न आदि। भारत सरकार ने एकरुपता लाने के लिए इन मिलेट्स को श्री अन्न का नाम दिया है।
ज्वार से बने लोकप्रिय मूल्यवर्धित उत्पाद
सबसे महत्वपूर्ण है कि आखिर हम क्यों खाएं मोटे अनाज?
सेहत के लिए चमत्कारी हैं मिलेट्स
क्यों माने जाते हैं मिलेट्स अदभुत खाद्यान्न ?
- मोटे अनाज अद्भुत खाद्यान्न माने जाते हैं क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट गैस फाइबर अनुपात 10 से भी कम होता है जो अन्य किसी खाद्यान्न में नहीं होता।
पोषक तत्वों से भरपूर हैं मिलेट्स
- मिलेट्स पोषण के पावर हाउस हैं और ये पोषक तत्वों से भरपूर खाद्यान्न हैं। महीन अनाजों गेहूं और चावल की तुलना में मोटे अनाज अधिक पोषक तत्वों वाले और स्वास्थ्य के लिए बेहतर होते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं जबकि वसा की मात्रा (कम कैलोरी) होती है। ये लाइफ स्टाइल रोगों जैसे मधुमेह, उच्चरक्तचाप, मोटापा, गठिया, पाचन संबंधी अनेक समस्याओं को कम करते हैं।
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अनेक लाभप्रद रसायनों से भरपूर हैं मिलेट्स
- अमीनो एसिड्स, बायो एक्टिव केमिकल्स और फाइटो केमिकल्स मोटे अनाजों में पाए जाने वाले के कारण इनके पौष्टिक गुण बहुत बढ़ जाते हैं। ये तत्त्व पुराने रोगों के इलाज में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं। इनके नियमित सेवन से जीवन शैली से जुड़े रोगों के होने की संभावना कम हो जाती है।
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मिलेट्स मधुमेह में अत्यंत लाभप्रद
- श्री अन्न खाद्यान्नों को मधुमेह में अत्यंत लाभप्रद माना जाता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने से शुगर नियंत्रण में सहायक हैं। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स रक्त में शर्करा घुलने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। जिन परिवारों में वंशगत डायबिटीज चली आ रही होती है, उनमें मिलेट्स उत्पादों का प्रयोग डायबिटीज के खतरे को कम करता है।
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हृदय रोगों से बचाने वाले हैं मोटे अनाज
- इनके सेवन से हृदय रोगों से हमारी रक्षा होती है। इनमें अधिक मात्रा में पाया जाने वाला मैग्नेशियम व पोटेशियम उच्च रक्तचाप को कम कर स्ट्रोक से बचाकर हृदय की रक्षा करते हैं।
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शारीरिक विकास में सहायक मिलेट्स
- मिलेट्स का नियमित सेवन हमारी मांसपेशियों को मजबूत बनाकर सम्पूर्ण शरीर के विकास में सहायक है। इनमें प्रचुर मात्रा में मौजूद मैग्नेशियम, फास्फोरस व कैल्शियम हड्डियों व दांतों को मजबूत रखते हैं। ये मांसपेशियों और पूरे शरीर को मजबूत बनाते हैं।
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मिलेट्स पाचन को दुरुस्त करने वाले एवं वजन कम करने में कारगर
- इनका नियमित सेवन पाचन को दुरुस्त रखने वाले एवं वजन कम करने में कारगर है। उच्य सुपाच्य रेशे अधिक मात्रा में होने से कब्ज रोककर पाचन दुरूस्त रखते हैं। कम कैलोरी व उच्च पाच्य रेशे के कारण इनके सेवन से हम पेट को भरा हुआ और संतुष्ट महसूस करते हैं जिससे हम कम भोजन करते हैं। इससे जल्दी जल्दी भूख भी नहीं लगती और उल्टा सीधा खाने से बच जाते हैं। इस कारण यह मिलट प्रोडक्ट्स वजन घटाने में बहुत कारगर सिद्ध हो रहे हैं।
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कोलेट्रॉल कम रखने में सहायक
अधिक मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स होने ये कोलेस्ट्रोल कम रखने में सहायक होते हैं। अधिक एंटी ऑक्सीडेंट्स होने से हमें सेल्यूलर डैमेज और क्रोनिक रोगों से भी सुरक्षा मिलती है।
क्रोनिक डिजीज के खतरे को कम करने में सहायक
- मिलेट्स उत्पादों में एंटी इन्फ्लेमेटरी तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जिसके कारण ये क्रोनिक डिजीज जैसे हृदय रोग, कैंसर आदि के खतरे को कम करते हैं।
कैंसर रोधी होते हैं मोटे अनाज
- कैंसर होने से रोकने में मिलेट्स सहायक हैं। इसके नियमित सेवन से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की भावनाएं बहुत कम हो जाती है।
नियमित सेवन से सर्दी,खांसी वश्वास रोगों में राहत
- मिलेट्स का नियमित सेवन सामान्य सर्दी, जुकाम, खांसी को रोकता है। ऐसे लोग जो बचपन से ही अस्थमा रोग से पीड़ित होते हैं, उन्हें मिलट उत्पादों के उपभोग से राहत मिलती है।
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एनीमिया में लाभदायक हैं मिलेट्स
- खून की कमी वाले (एनीमिया) लोगों के लिए नियमित मिलेट उत्पादों का सेवन लाभदायक है।
इंसोमेनिया रोगियों को आराम देनेवाले हैं मिलेट्स
- इंसोमेनिया डिजीज में मिलेट्स का सेवन बहुत लाभकारी है। मिलेट्स के सेवन करने से अच्छी व गहरी नींद आती है। इनके अंदर ट्राइटोफन पाया जाता है जो हमारे शरीर में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाता है। यह तनाव को कम करता है और आराम पहुंचाता है।
ग्लूटन फ्री होने के कारण गेहूं से एलर्जी वाले रोगियों के लिए वरदान
- मिलेट्स ग्लूटन फ्री होते हैं इसलिए ये सेलिएक रोग नहीं होने देते जिससे गेहूं से एलर्जी वाले लोगों को बहुत राहत मिलती है।
मिलेट्स के नियमित सेवन से त्वचा रोग नहीं होते। उम्र का प्रभाव कम पड़ता है।
- मिलेट का नियमित सेवन से त्वचा संबंधित समस्याओं जैसे मुंहासे, डार्क सर्कल झाइयां, झुर्रियां आदि को दूर करने में सहायक होता है। यह त्वचा को चमकदार बनाता है। मिलट्स लायसीन, एंटी ऑक्सीडेंट्स व फिनोलिक्स का अच्छा स्रोत है। इसका सेवन फ्री रेडिकल्स को रोकता है। जिससे व्यक्ति पर उम्र का प्रभाव कम पड़ता है व ग्लो लम्बे समय तक बना रहता है।
सांवा से बने लोकप्रिय मूल्यवर्धित उत्पाद
सभी श्री अन्न गेहूं व चावल की तुलना में पौष्टिक तत्वों से भरपूर हैं जो दैनंदिन गतिविधियों हेतु शरीर को ऊर्जा व ताकत प्रदान करते हैं। कुल मिलाकर मिलेट्स किसानों और उपभोक्ता दोनों के लिए हितकारी हैं इसीलिए ये एक बार फिर खेत और प्लेट में लौटने लगे हैं।