क्या पहनते हैं हमारे नेता
नेता हमेशा सफेद पोशाक ही क्यों पहनते हैं?
आपने कभी ध्यान दिया है कि हमारे देश के नेता लोग हमेशा सफेद पोशाक ही क्यों पहनते हैं? नेता चाहे कश्मीर का हो या केरल का, आसाम का हो या गुजरात का, सफेद कुर्ता पायजामा या कुर्ता धोती में ही आपको दिखाई देते हैं।
कभी कभी बंद गले का सूट
कभी-कभी किसी औपचारिक समारोह में जब उन्हें जाना होता है तो वह बंद गले का सूट भी धारण कर लेते हैं जो अधिकांशतया काला, गहरा नीला या क्रीम कलर का होता है।
सफेद रंग के पीछे कारण
सफेद रंग के पीछे सबसे बड़ा कारण है गांधी जी का स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वदेशी पर अत्यधिक बल देना। उन्होंने राष्ट्र के लोगों को एक आह्वान किया था कि चरखे से बने स्वदेशी कपड़े ही पहनें और विदेशी कपड़ों की होली जलाएं। स्वदेशी कपड़े उन दिनों अधिकांशया सफेद रंग के ही मिलते थे इसलिए नेताओं ने सफेद रंग का कपड़ा पहनना शुरू कर दिया।
सफेद रंग के अर्थ
सफेद रंग सत्य और अहिंसा का प्रतीक है। इससे आपके अंदर सादगी भी दिखाई देती है। फिर सफेद रंग में एक सादा जीवन उच्च विचार की भावना झलकती है मनोवैज्ञानिक रूप से सफेद रंग धारण करने से नेताओं के बेदाग होने की छवि भी जनता के दिमाग में उभरती है।
गांधी
आइए जरा नेताओं की ड्रेस के बारे में जांचा और परखा जाए। गांधीजी स्वतंत्रता आंदोलन में कूदने से पहले ही साउथ अफ्रीका में एक सफल वकील के रूप में स्थापित हो चुके थे। उन्होंने वहां अच्छा पैसा बनाया, जमीनें खरीदी, प्रेस लगाया, लेकिन जब वे भारत आए और उन्होंने सारे भारत का भ्रमण किया, तब उन्होंने हर जगह गरीबी देखी तो तत्कालीन गरीब जनता को संदेश देने और उनसे एकमेक होने के लिए उन्होंने कमर के ऊपर का वस्त्र का परित्याग कर दिया और जीवन भर उन्होंने कमर के ऊपर कोई वस्र धारण नहीं किया।
नेहरू
नेहरू जी को अच्छा पहनने और अच्छा दिखने का शौक था। जैसे आज मोदी के फैशन की चर्चा हो रही है पहले नेहरू के स्टाइल की भी चर्चा होती थी। नेहरू टाइम्स मैगजीन के टॉप 10 सबसे फैशनेबल पॉलिटिशियन में शामिल हुए थे। क्लासिक लुक देने के लिए वे जैकेट या अचकन में गुलाब का फूल लगाते थे।
अंबेडकर
अंबेडकर यूं तो गरीब दलितों के नेता थे लेकिन हमेशा सूट-बूट और टाई पहनना पसंद करते थे।
पटेल, राजेंद्र प्रसाद, शास्त्री
पटेल, राजेंद्र प्रसाद और शास्त्री जी जीवनपर्यंत सफेद रंग के खादी धारण करते रहे।
इंदिरा गांधी
इंदिरा गांधी हाथ से बुनी हुई कॉटन की लाजवाब साड़ियां पहनती थीं जो उनका स्टाइल स्टेटमेंट हुआ करती थीं।
राजीव गांधी, अटल, मनमोहन
राजीव गांधी को बन ठन कर रहना और अच्छा कपड़ा पहनना पसंद था।
अटल जी कुर्ता और धोती पहनते रहे।
मनमोहन सिंह नीली पगड़ी ही बांधते थे।
वर्तमान में सक्रिय स्टाइलिश नेता
वर्तमान की भारतीय राजनीति में ऐसे अनेक सक्रिय नेता है जो अपनी स्टाइल व ड्रेसिंग सेंस के कारण अन्य नेताओं से अलग दिखाई देते हैं। इनमें से मुख्य हैं। अनुराग ठाकुर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, शशी थरूर, उमर अब्दुल्ला, वसुंधरा राजे, स्मृति ईरानी, डिंपल यादव, नुसरत जहां, नवनीत राणा, दिव्या स्पंदना, अलका लांबा, अंगूर लता डेका आदि।
प्रधानमंत्री मोदी परिधान मंत्री
पर जिस नेता के फैशन सेंस और स्टाइल की चर्चा विश्व भर में हो रही है वह है हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी ने फैशन और सजा संवरा रहने में सारे पूर्ववर्ती और वर्तमान नेताओं को पीछे छोड़ दिया है। अनेक बार उनको दिन भर में चार चार बार ड्रेस बदलते हुए देखा गया है। इसी कारण उनके आलोचक उन्हें परिधान प्रधानमंत्री भी कहते हैं।
उन्होंने एक बार सोने के तारों से उनका नाम अंकित किया हुआ बंद गले का सूट पहन लिया था जिसकी बहुत आलोचना हुई तब उन्होंने उस सूट की सार्वजनिक नीलामी कराकर उसके धन को दान किया था।
वह शुरू से ही अहमदाबाद की कंपनी जेड ब्लू के बनाए हुए कपड़े पहनते हैं, लेकिन मोदी स्वयं अपने सूट का कलर, फैब्रिक, स्टाइल, डिजाइन सिलेक्ट करते हैं। इसी कारण मोदी जी का ड्रेसिंग सेंस विश्व प्रसिद्ध हो गया है जिस तरह से अपने कपड़ों को कैरी करते हैं उससे वे आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं और जंचते भी हैं।
मोदी जैकेट सारी दुनिया देख रही है हाफ कुर्ते का प्रचलन उन्होंने ही किया है। चूड़ीदार पायेजामे के साथ हाफ आस्तीन वाले कुर्ते और उस पर विभिन्न रंगों की जैकेट उनकी खास पहचान बन गई है।
ड्रेस के साथ वह चश्मा घड़ी और पेन का भी शौक रखते हैं। घड़ी की बात की जाए तो वह स्विट्जरलैंड की एक प्रसिद्ध ब्रांड मोवाडो की पहनते हैं। चश्मा इटली का प्रसिद्ध ब्रांड बुलगरी का इस्तेमाल करते हैं। मॉन्ट ब्लांक का पेन इस्तेमाल करते हैं जो जर्मनी का प्रसिद्ध ब्रांड है।
अनेक तरह की टोपियां और साफे पहनते हैं। जिस राज्य में जाते हैं वहां की पारंपरिक पोशाक पहनते हैं। उनके परिधान में जितनी विविधताहै उतनी शायद इतिहास में दुनियाके किसी नेता में नहीं देखी गई।
योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ सन्यासी होने के कारण मात्र भगवा वस्त्र ही धारण करते हैं और कोई फैशन न कर सामान्य ढंग से रहते हैं।
ढोंग करते केजरीवाल
आजकल के नेताओं में कपड़े के बारे में सबसे बड़ा ढोंग केजरीवाल कर रहे हैं। वह अपने गरीब वोटरों को प्रभावित करने के लिए पहले मफलर लपेटते थे । बिना प्रेस किया हुआ कपड़ा पहनते हैं । ढीली पैंट हो। शर्ट एक तरफ से निकली हुई हो। इसे केयरफुल केयरलेसनेस कहा जाता है।
इस केयरलेस को मेंटेन करने के लिए बहुत ध्यान दिया जाता है। वह और उनकी पत्नी इनकम टैक्स अधिकारी थे। उच्च वर्ग में आते हैं। दिल्ली का बजट लगभग एक लाख करोड़ है। यह गरीबी दिखावा करके अपने वोटर्स को भरमाना नहीं तो और क्या है।
भारतीय समाज की पोशाक सम्बन्धी सोच
अनेक बार भारतीय समाज फटेहाली,बदहाली और सामान्य दिखने को ईमानदारी का पर्याय मान लेता है। कोई नेता अगर अमीर है और निजी जीवन में ठाठ से जीता है उससे भी उम्मीद की जाती है कि वह सार्वजनिक जीवन में फकीरी दिखाए। इसी के चलते कुछ नेता दिखावाकरते हैं। ये दिखावा और ढोंग समझ के परे है क्योंकि भारतीय राजनीति बेहद के खर्चीली हो गई है और अधिकांश राज नेताओं ने बहुत सारा धन बटोर रखा है।